आज हम पढेंगे दुनिया की जानीमानी Company SAMSUNG के बारे में। SAMSUNG Company कैसे बनी थी, SAMSUNG की सक्सेस स्टोरी के बारें मे पढेंगे और आपको सॅमसंग के बारे मे कुछ इंटरेस्टींग Facts पता चलेंगे।
दोस्तो इससे पहले की मै आपको SAMSUNG के बारे में कुछ भी बताऊं आपसे एक प्रश्न है की, SAMSUNG के बारें मे सुनकर आपके मन में सबसे पहले क्या विचार आता है?, शायद आप कहेंगे फोन, टीव्ही, रेफ्रिजरेटर या फिर एसी या फिर कोई और इलेक्ट्रॉनिक चिज। लेकीन अगर में कहु की दुनिया की सबसे ऊँची इमारत बुर्ज खलिफा SAMSUNG ने बनाई है तो, इतना ही नही तो SAMSUNG बोट्स और लढाई मे इस्तेमाल होने वाले टँक्स भी बनाती है। SAMSUNG ऐसे ही करिब ८० क्षेत्रो में काम करती है। गुगल, मायक्रोसॉफ्ट और अॅप्पल के एम्प्लॉईज को एक साथ जोड दिया जाये तो उससे कई जादा एम्प्लॉईज सॅमसंग में काम करते है। इस Company का रेव्हेन्यु इतना जादा है की, साऊथ कोरीया के जिडीपी का 17 परसेंट के आसपास होता है। इसका मतलब SAMSUNG अगर घाटे मे चली गई तो साऊथ कोरीया की अर्थव्यवस्था ही डगमगा जाऐंगी।
SAMSUNG Company की शुरुआत?
अबतक आपने जाना SAMSUNG कितनी बडी कंपनी है। लेकीन आपको पता है की, आज के समय की इतनी बडी कंपनी की शुरुआत 1938 मे lee byung chul ने की थी। यह कंपनी तब मुख्यतः ड्रायफीश, नुडल्स और ग्रॉसरी का बीजीनेस करती थी तब इस कंपनी मई सिर्फ ४० लोग करते थे। जैसे जैसे कंपनी आगे बढी और फायदा बढा तब कंपनी ने अपने आप को और क्षेत्रो मे विकसीत किया। उसके बाद अगले ३० सालो में सॅमसंग ने इंशुरंस, सेक्युरिटी और रीटेल के क्षेत्र मे बीजीनेस को आगे बढाया।
इसके बाद 1969 मे SAMSUNG ने इलेक्ट्रॉनिक्स मे भी प्रवेश किया। उनका First इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट पी-3202 मोडल का ब्लॅक अँड व्हाईट टीव्ही था, जिसे उन्होंने 1970 में लाँच किया था। आगे चलकर SAMSUNG इलेक्ट्रॉनिक्सने रेफ़्रिजेरेटर, मायक्रोवेव ओवन, कलर टिव्ही और व्हिसीआर जैसे कई और प्रोडक्टस बनाए।
SAMSUNG की सफलता
1983 में इस Company ने Telecomunication में भी कदम रखा। 1983 मे पहली बार उन्होने SC -100 नाम से पहला बील्ट इन कार फोन बनाया हाला की यह प्रोडक्ट बहोत बुरी तरह से फ्लॉप रहा। इस प्रोडक्ट के असफलता के बाद Company ने बहोत रिसर्च की आरै 1988 में SH -100 नाम का मोबाईल फोन लाँच किया, लेकीन इस फोन के भी कुछ हजार ही युनिट्स बिके, और इस तरह से SAMSUNG मोबाईल बनाने के क्षेत्र में फिर से असफल हो गई थी। इसलिये 7 जुन 1993 को Company के चेअरमॅन ने 200 अधिकारीयों के साथ बैठक की, जिसमें उन्होंने एक साल के अंदर मोटोरोला की तरह ही अच्छा फोन बनाने का टार्गेट दिया और आखिरकार SH-700 नाम का एक फोन लाँच किया गया। जिसकी लोगो ने बहोत तारीफ की और यह SAMSUNG का पहला सफल फोन बना। इस फोन को बहोत बारीकी से चेक करके मार्केट मे उतारा गया था। इस फोन में जितनी भी कमीया दिखी उसे एम्प्लॉईज के सामने ही जला दिया गया। ताकी उनतक सिधा संदेश जाये की, कोई भी कमी बरदाश्त नही की जाऐंगी। इस बात का ग्राहकों पर पॉजिटिव्ह इफेक्ट पडा। इसके बाद सॅमसंग ने१९९६ से १९९८ तक अपनी सिडीएमए सर्विस से दुनिया मे बहुत नाम कमाया और उन्होंने सीडीएमए मार्केट के 57 % हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया। 2004 मे पहली बार SAMSUNG के फोन्स ने भारत मे दस्तक दी। हाला की, भारत मे शुरुआती समय SAMSUNG के लिए कुछ खास नही था। लेकीन 2009 -10 के बाद SAMSUNG ने गॅलक्सी एस फोन लाँच किया, जिसने भारत में धुम मचादी और इसके बाद केवल भारत मे ही नही पुरी दुनियाभर में SAMSUNG के फोन्स खुब बिके। यही वजह है की, SAMSUNG Company आज के दौर मे दुनिया की, सबसे बडी दुसरी आयटी कंपनी है, जिसमे करिब 3 लाख 25 हजार लोग काम करते है। साथ ही SAMSUNG ने इंटरनॅशनल कॉर्पोरेशन के रुप मे बुर्ज खलीफा और पेट्रोनस टॉवर जैसे महत्वपुर्ण प्रोजेक्ट्स हासिल किये साथ ही में SAMSUNG ने साऊथ कोरीया के लिये K9 Thunder नाम का टँक भी बनाया। इसीके साथ सॅमसंग की लाईफ इंशुरंस कंपनी आज दुनिया की सबसे बडी १४ वी कंपनी है।
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